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नए वर्ष का प्रथम दिवस यह



नए वर्ष का प्रथम दिवस यह ,
वंदन वा अभिनन्दन है ।
इस माटी का तिलक करो ,
भारत का कण-कण चन्दन है ।।

खुशबू को पहचान सको तो,
अपने अन्दर से आती ।
अपना अन्तर नाप सको तो,
इस श्रष्टि का स्पंदन है ।।

बंधन मुक्त बनाओ जीवन ,
स्वच्छंद विचारों के आगे ।
जाग सको तो जीवन अपना,
सपने सा शुभ नंदन है ।।

यौवन अपने भावों का बस ,
शक्ति समर्पण के आगे ।
भक्ति भाव बस मन में रखना,
तृप्ति भाव का संधान है ।।

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