आशा और निराशा छोड़ा |
भाव बहुत परिभाषा छोड़ा ||
जोड़ा अपनेआप हृदय को |
मन का मोह पिपासा छोड़ा ||
आशा और निराशा छोड़ा |
भाव बहुत परिभाषा छोड़ा ||
तुम हो अंतर्यामी स्वामी |
तुम हो भूत दूर के गामी ||
क्यों कहते हो परिचय कह दूं ?
अपने आप हृदय को जोड़ा ||
आशा और निराशा छोड़ा |
भाव बहुत परिभाषा छोड़ा ||
लिखना गति में बंधा हुआ है |
दिखना रति में लिखा हुआ है ||
किन अनुभव को और उकेरु |
अपनेआप हाथ का कोड़ा ||
आशा और निराशा छोड़ा |
भाव बहुत परिभाषा छोड़ा ||
गढ़ते गढ़ को पढ़ा हुआ है |
अपने रण को लिखा हुआ है ||
अनहद नाद बजाता उसका |
जिसका नंदी उसका घोड़ा ||
आशा और निराशा छोड़ा |
भाव बहुत परिभाषा छोड़ा ||
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स्वीकृति 24 घंटों के बाद