कविता सुनें

आप सभी को नए साल की ...

आप सभी को नए साल की |
मुक्ति और सन्यास सभी कुछ ||
निर्धन का यह धन मत समझो ,
ज्ञानी का यह ज्ञान नही |
अधिकारों की यह मूल चेतना ,
विज्ञानी का यह ध्यान सभी कुछ ||

आप सभी को नए साल की |
मुक्ति और सन्यास सभी कुछ ||

योग बड़ा विज्ञान कला क्या ?
ध्यान बड़ा संधान भला क्या ??
भोले भाले अवतारों का गीत नही ,
गीता और पुराणों का यह वेद |
धरती मां का आसमान यह ,
अहसानों का ज्ञान सभी कुछ ||


आप सभी को नए साल की |
मुक्ति और सन्यास सभी कुछ ||

लगा आज कुछ बड़ा बिघटता |
घटता बढ़ता और सिमटता ||
हमला अपनी धरती पर है ,
तोप और मिसाइलों का |
भूल समझकर दागा किसने ,
भूले भले फाइलों का कुछ ||

आप सभी को नए साल की |
मुक्ति और सन्यास सभी कुछ ||

बड़ा मंत्री आज देश का |
हमें लगा कुछ व्याकुल है ||
भला किया कुछ जैसे उसने ,
मन उसका यूं शांकुल है |
पर वह अपनी नाव चला लेगा ,
तुम्ही बताओ ? इससे आगे और कहूं कुछ...||

आप सभी को नए साल की |
मुक्ति और सन्यास सभी कुछ ||
यह रचना वर्ष 2016 प्रथम जनवरी सुबह लगभग 3:30 बजे लिखी गई है | यह अनुभूति पहली जनवरी को पाकिस्तान के द्वरा की जाने वाली उस आतंकी घटना का सजीव तथ्य है जिसमें हमारे देश के 7 जवान एक साथ शहीद हुए थे वह आतंकी हमला पठान कोट मे हुआ था | इस आतंकी घटना से एक हफ्ते पहले मोदी जी नवाज शरीफ से अचानक जाकर मिले थे | 

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