कविता सुनें

प्यारा पंछी मोर


सबसे प्यारा पंछी मोर |
नाच दिखाता सबको भोर ||

सारे उपवन को महकाता |
सारा उपवन खुशी मनाता ||

मस्त सभी पंछी हो जाते |
कलगी देख सभी इतराते ||

पंख बड़े प्यारे चमकीले |
फूलों से भी बड़े सजीले ||

सभी दिशाएं नाचे घूमें |
धरती से अंबर को चूमें ||

झूम उठी धरती मतवाली |
मौसम की है छटा निराली ||

मंद पवन थी चित की चोर |
प्यारा लगे और भी मोर ||

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