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पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी




Ex Vice-President Hamid Ansari

हामिद हैं हमदर्द बड़े, वे अपने कुनबे के साथी |
राष्ट्र भक्ति अब भूल गये, जब राष्ट्रपती की कुर्सी जाती ||

कट्टरवादी बनकर उभरे , जीवन की इस पारी में |
चोर उच्चकों सी हरकत है, चारा अपनी जारी में ||

मर्यादायें कर सभी कलंकित, अंकित अपनी बानी की |
मुल्ले हैं हम मुल्लों के, झूठी सब परधानी की  ||

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