कविता सुनें

करन बहादुर की खता

आध्यात्मिक दोहे 


१. जो दीपों में तेल है, उसके गीत अनेक |
बीते दिन की बूझि ले, जो पाए सो नेक ||

२. अकथ कहानी में खुदा, कह ले कितनी खोजि |
सब बूझे सब जोरि ले, हम बूझे बस योजि ||

३. सब पाछिताये मोम के, सब में काठ करार |
बारी-बारी दूं बता, क्यूँ उपजाए धार ||

४. कारन बहादुर की खता, करता नहीं प्रनाम |
हम तो अपने नाम में, खोजि रहे सब धाम ||

५. परहित क्या उपदेश दूँ, सब हित अपने साधि |
बाधा करता दूर मै , ले लेता सब व्याधि ||

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