कविता सुनें

आया नया - नया यह साल


सबको यह अभिवादन करता ,
सब के मन में खुशियां भरता ।
आया नया - नया यह साल ,
पूछ रहा है सबके हाल ।।

आया नया - नया यह साल......

किसकी कितनी यहाँ कमाई,
किसकी खेती सूखि पराई ।
कौन यहाँ हैं चतुरे दादा ,
जो बन बैठे मालामाल ।।

पूछ रहा है सबके हाल ,
सबको यह अभिवादन करता |
सब के मन में खुशियां भरता,
आया नया - नया यह साल ।।

हैम तो भइया हैं भिखमंगू ,
है सिंघासन फिर भी गंगू ।
तौल रहे हैं अपनी बानी ,
अपनी करनी अपनी ढाल।।

पूछ रहा है सबके हाल ,
सबको यह अभिवादन करता |
सब के मन में खुशियां भरता,
आया नया - नया यह साल ।।

और करो कुछ फुर्सत में तुम,
हाथ धरे क्यों बैठे गुम ।
मफ़लर टोपी वाले भइया ,
तुम भी ठोंको खुलकर ताल।।

पूछ रहा है सबके हाल ,
सबको यह अभिवादन करता |
सब के मन में खुशियां भरता,
आया नया - नया यह साल । |

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