खून देखकर उसका हमने
मिथ्या सब कुछ माना है |
सत्य नहीं है धर्म वह कोई
जिसने हिंसा जाना है ||
शूकर की औलाद जन्मते
हिन्दू मुस्लिम भाई-भाई |
देखो दोनों आंखें खोलो
ईराक विश्व का कान्हा है ||
खून देखकर उसका हमने
मिथ्या सब कुछ माना है |
सत्य नहीं है धर्म वह कोई
जिसने हिंसा जाना है ||
जिसका तेल जगत में प्रचलित
यही सभी का है उद्बोधन |
फिर भी सब हैं मूक देखते
क्या सबका ही वह मामा है ||
खून देखकर उसका हमने
मिथ्या सब कुछ माना है |
सत्य नहीं है धर्म वह कोई
जिसने हिंसा जाना है ||
मामा होगा फिर भी तो वह
मम्मी का ही भाई होगा |
सोंच कबूतरबाज अमेरिका
यह तेरा कैसा बाना है ?
खून देखकर उसका हमने
मिथ्या सब कुछ माना है |
सत्य नहीं है धर्म वह कोई
जिसने हिंसा जाना है ||
उल्लू जैसे शुष्क शाख का
मैंने देखा है बस तुझको |
खुद को सबका नेता कहता
क्या तेरा ही यह ताना है ||
खून देखकर उसका हमने
मिथ्या सब कुछ माना है |
सत्य नहीं है धर्म वह कोई
जिसने हिंसा जाना है ||
बोल बता है चुप क्यूँ बैठा
घटिया तेरी नीति यही है |
रीति न जाने तू जीने की
तेरा तो जग सब मामा है ||
खून देखकर उसका हमने
मिथ्या सब कुछ माना है |
सत्य नहीं है धर्म वह कोई
जिसने हिंसा जाना है ||
No comments:
Post a Comment
स्वीकृति 24 घंटों के बाद