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यह बरसाती मेढक हैं





यह बरसाती मेढक हैं जो ,
टर्र-टर्र कुछ बोल रहे हैं ।
लालू और मुलायम हों या,
जो नितीश जी डोल रहे हैं।।

सब में समता माया ममता ,
और सोनिया गांधी जो हैं ।
जग जाहिर है इनकी करनी,
छद्म रूप के माहिर जो हैं ।।

पल में रूप बदलते अपना,
निजी स्वार्थ के ही कारण ।
अपना कष्ट निवारण करते,
बन जाते वह सबके चारण ।।

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