कविता सुनें

समसामयिक विषयों पर आधारित कुछ दोहे


रंगों की दुनिया बड़ी ,रंग बने कुछ खास ।
राहुल ,मोदी और मुलायम ,पी एम के यह हास

भाषा अपनी भूमि है , समझ सत्य का भाष ।
परिभाषा बतलाय तब , माने मन कि आस ॥

दंगल यहाँ चुनाव का , सब हैं लालीपॉप ।
पापी इनका मन करे , मधुर - मधुर आलाप ॥

संगी साथी कौन है , यह चुनाव का दौर ।
अपनी -अपनी नाव है , अपना -अपना ठौर ॥

नेता, मंत्री नाम के , सबसे बड़े किसान ।
घर अपना भी बेंच दें , जो उपजाए धान ॥

महिमा मंड़ित राग कि ,फाग ज्ञान का भाव ।
बलिहारी की बेदना ,सिर पर खड़ा चुनाव ॥

करन बहादुर (संपादक -सम्बन्धसेतु )
09717617357

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