कविता सुनें

साधे तो सधता सभी




साधे तो सधता सभी, योग बड़ा विज्ञान |
मन की इच्छा पूर्ण हो, आ जाये संज्ञान ||

मन की आंखें खोल तो, देख जगह संसार |
वरना सब कुछ सो रहा, जो तेरा अधिकार ||

सांसों में है भेद सब, सब सांसों का सार |
भार समर्पित भाव यह, जीवन का आधार ||

योग चेतन धैर्य है, योग चिरंतन सत्य |
मन के अंदर झांकना, ढूंढ निकाले तथ्य ||

क्या लूटूँ क्या बांट दूं, सब कुछ तो है आप |
अपना सब कुछ भी नहीं, अपनी महिमा नाप ||


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