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गीत - कुछ घुमावदार पंख ( आप सबको समर्पित )



गीत - कुछ घुमावदार पंख ( आप सबको समर्पित ) 


कुछ घुमावदार पंख , शंख का निनाद ले | 
जी रहे है जान भर , अंक मरी खाद ले || 

बाद में निकारना , शिकार का घुमाव दे | 
जी सके तो मारना , विकार का बधाव दे || 

सताओगे तो हारना , मै न कोई जान हूँ | 
जी रहा हूँ इसलिए , हुंकार में ईमान हूँ || 

पुकार के ही मारना , जीवन न पाओगे | 
मै कैसा हूँ कौन हूँ , यह कैसे बताओगे || 

कुर्बान आप सब पे , मै खोले जुबान हूँ | 
बोले जो आप हर में , मै ही तो गान हूँ || 

करन बहादुर
बादलपुर , ग्रेटर नोयडा -203207

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