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योग निवेदन प्रतिवेदन (गीत)

योग निवेदन प्रतिवेदन (गीत)



योग हमारी जीवन रक्षा , योग हमारा संवेदन |
योग परस्पर भोग नही बस ,योग निवेदन प्रतिवेदन ||

संध्या और सकारे जबतब , स्वीकारे प्रतिकारे अबतक |
मान विकारों की यह धरती , आकारों का सम्बोधन ||

निराकार की छाया है तू , चंचल मन की माया है तू |
अंतर्हृदय समर्पित कर तो- , अन्तर्रतेरा हो लेखन ||

देख विचारों की शक्ती को ,देख आकारों की तृप्ती को |
सब में मोह पिपासा होगी , तृषा हमारा है बस रोदन ||

भाव भक्ति की महिमा है कुछ,कुछ ज्ञान परस्पर देने का |
लेने को मन डूब गया है , अन्तर्रतर की ये लोचन ||

तुम्ही पुकारो पहले आकर , सब में अपना रूप दिखा |
रूप ढूंढते सब अपना फिर , सब में रूप नही संवेदन ||


करन बहादुर, बादलपुर, दादरी, गौतमबुद्ध नगर - 203207 
मोबाईल – 09717617357 , 9015151607

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